सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तमिलनाडु के के.वी. कुप्पम विधानसभा क्षेत्र के विधायक “पूवई” जयन मूर्ति को कथित अपहरण मामले में अग्रिम ज़मानत दे दी।
न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने 30 जून को पारित अपने अंतरिम आदेश को स्थायी बनाते हुए विधायक की याचिका का निपटारा कर दिया। मूर्ति ने मद्रास हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज किए जाने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था।
मूर्ति ने दलील दी कि मामले में उनका कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है क्योंकि युवक की बरामदगी उनकी गिरफ्त या नियंत्रण से नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक कारणों से उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है।

पीठ ने यह भी दर्ज किया कि यदि मान भी लिया जाए कि आवेदक ने विवाद से जुड़े किसी पक्ष से बातचीत की थी, तो इसे मसला सुलझाने की कोशिश माना जा सकता है, न कि हिरासत में पूछताछ का आधार।
यह मामला लक्ष्मी नामक महिला की शिकायत से शुरू हुआ, जिसके बेटे ने कथित तौर पर एक लड़की के साथ घर छोड़ दिया था। लक्ष्मी का आरोप है कि लड़की के परिजन कुछ अन्य लोगों के साथ उसके तिरुवल्लूर स्थित घर पहुंचे और बड़े बेटे को खोजने लगे।
जब वे उसे नहीं पा सके, तो उन्होंने 18 वर्षीय छोटे बेटे का अपहरण कर लिया और बाद में उसे चोटिल अवस्था में एक होटल के पास छोड़ दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से विधायक की गिरफ्तारी पर रोक लग गई है, हालांकि मुकदमे की सुनवाई आगे जारी रहेगी।