सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता को चैलेंज करने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
कोर्ट के जस्टिस ए एम खानविलकर की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पीठ ने पुनर्विचार याचिकाओं पर कोर्ट के चैम्बर रूम में विचार करने के उपरांत 4:1 के बहुमत से यह फैसला लिया है।
कोर्ट के जस्टिस खानविलकर , जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर एंव जस्टिस बीआर गवई का मानना है कि सितंबर 2018 में आधार को संवैधानिक रूप से जायज ठहराए जाने के पाँच सदस्यीय पीठ के निर्णय पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता नही है। वहीं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फिर से बहुमत से अलग राय दी।
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में जिस पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने आधार पर फैसला दिया था। जस्टिस चंद्रचूड़ भी पीठ के सदस्य थे। उस वक्त भी उन्होंने बहुमत के फैसले से अलग आधार को असंवैधानिक करार दिया था। पीठ ने अपने निर्णय में कहा कि हमने 26 सितंबर 2018 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाओं और उनमें दिए गए तर्कों पर गौर करने पर पाया गया कि फैसले पर पुनर्विचार करने का कोई ठोस कारण नही है।
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बहुमत ने फैसले में कहा है कि बाद में कानून में किए गए बदलाव या उच्च पीठ द्वारा दिया गया आदेश/फैसला पुनर्विचार का आधार नही हो सकता।