चेन्नई (नॉर्थ) जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने एक अहम फैसले में कहा है कि थिरुमंगलम स्थित वी.आर. मॉल द्वारा पार्किंग शुल्क वसूलना अनुचित व्यापारिक प्रथा है। यह फैसला कोसापेट निवासी वी. अरुण कुमार द्वारा दायर की गई शिकायत पर आया है, जिसके बाद फोरम ने मॉल को तुरंत प्रभाव से पार्किंग शुल्क वसूलना बंद करने का निर्देश दिया।
26 अप्रैल 2023 को मॉल की एक यात्रा के दौरान अरुण कुमार से दो घंटे के लिए अपनी दोपहिया गाड़ी पार्क करने पर ₹80 शुल्क लिया गया था। इस शुल्क पर सवाल उठाते हुए कुमार ने तर्क दिया कि नागरिक निकायों के दिशा-निर्देशों के अनुसार, मॉल्स को अपने ग्राहकों और आगंतुकों के लिए पर्याप्त मुफ्त पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए।
मॉल प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि “तमिलनाडु संयुक्त विकास एवं भवन नियम, 2019” में केवल पर्याप्त पार्किंग सुविधा प्रदान करने का उल्लेख है, न कि यह कि वह निशुल्क होनी चाहिए।

हालांकि, फोरम के अध्यक्ष डी. गोपीनाथ की अध्यक्षता में सुनवाई करते हुए यह निष्कर्ष निकाला गया कि मॉल द्वारा पार्किंग शुल्क वसूलना उचित नहीं है और इसके पीछे कोई वैध कानूनी आधार नहीं है।
फोरम ने मॉल के इस कार्य को अनुचित व्यापारिक प्रथा मानते हुए शिकायतकर्ता को मानसिक पीड़ा के लिए ₹10,000 और वाद व्यय के रूप में ₹2,000 का मुआवजा देने का आदेश दिया।
यह फैसला इस क्षेत्र में वाणिज्यिक संस्थानों द्वारा पार्किंग सुविधाओं के प्रबंधन को लेकर एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम कर सकता है।