केंद्र सरकार ने देश के पांच अलग-अलग हाईकोर्ट्स में सात अधिवक्ताओं की जज और अपर जज के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। यह कदम देश की न्यायिक व्यवस्था को मजबूत करने और आम नागरिकों को त्वरित न्याय दिलाने के प्रयासों का हिस्सा है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को तीन नए जज:
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अधिवक्ता दीपक खोत, अमित सेठ और पवन कुमार द्विवेदी को जज के रूप में नियुक्त किया गया है। राज्य में लंबित मामलों की संख्या को देखते हुए इन नियुक्तियों से न्याय वितरण प्रणाली को गति मिलने की उम्मीद है।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को मिला एक अपर जज:
अधिवक्ता रोहित कपूर को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अपर जज नियुक्त किया गया है। उनके अनुभव से जटिल दीवानी और आपराधिक मामलों के निपटान में सहायता मिलने की संभावना है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट में एक नई नियुक्ति:
उत्तराखंड हाईकोर्ट में अधिवक्ता सुभाष उपाध्याय को अपर जज के रूप में नियुक्त किया गया है। उनका अनुभव पहाड़ी राज्य की विशेष न्यायिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक होगा।
गौहाटी हाईकोर्ट को मिला एक अपर जज:
गौहाटी हाईकोर्ट में अधिवक्ता श्रीमती शमीमा जहान को अपर जज नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति पूर्वोत्तर भारत में न्यायिक प्रतिनिधित्व को मजबूत करने की दिशा में एक सराहनीय पहल मानी जा रही है।
बॉम्बे हाईकोर्ट में नियुक्ति:
देश के सबसे व्यस्त हाईकोर्ट्स में से एक, बॉम्बे हाईकोर्ट में अधिवक्ता सचिन शिवाजीराव देशमुख को अपर जज के रूप में नियुक्त किया गया है। इससे अदालत की कार्यक्षमता और न्यायिक प्रक्रिया की गति में सुधार की अपेक्षा की जा रही है।
इन सभी नियुक्तियों को हाईकोर्ट्स में रिक्तियों को भरने की एक सतत प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य समयबद्ध न्याय सुनिश्चित करना और नागरिकों का न्यायपालिका पर विश्वास और अधिक सुदृढ़ करना है।