सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को चलाने के लिए गठित तदर्थ समिति की उस याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा, जिसमें कुश्ती के चुनाव कराने पर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक को चुनौती दी गई है। शरीर।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने केंद्र, हरियाणा कुश्ती संघ, हरियाणा ओलंपिक संघ और अन्य को नोटिस जारी कर तीन नवंबर तक जवाब मांगा है।
तदर्थ पैनल ने चुनावों पर रोक लगाने के हाई कोर्ट के 25 सितंबर के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था।
शीर्ष अदालत ने 29 अगस्त को डब्ल्यूएफआई चुनावों पर रोक लगाने वाले हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था।
यह घटनाक्रम खेल की वैश्विक नियामक संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग द्वारा समय पर चुनाव नहीं कराने के कारण डब्ल्यूएफआई को निलंबित करने के कुछ दिनों बाद आया है।
डब्ल्यूएफआई को नियंत्रित करने वाले भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा नियुक्त तदर्थ पैनल ने शुरू में 6 जुलाई को चुनाव निर्धारित किए थे, लेकिन महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के कुछ असंबद्ध राज्य निकायों द्वारा इसके लिए संपर्क करने के बाद इसे 11 जुलाई को पुनर्निर्धारित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। सुनवाई करते हुए दावा किया कि उनकी बर्खास्तगी उचित नहीं है।
पैनल ने राज्य निकायों के पीड़ित प्रतिनिधियों को सुना, लेकिन 11 जुलाई को भी चुनाव नहीं हो सके, क्योंकि असम कुश्ती संघ (एडब्ल्यूए) द्वारा चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार मांगने के बाद गौहाटी उच्च न्यायालय ने चुनाव पर रोक लगा दी थी।