सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) की तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली की व्यापक तकनीकी ऑडिट की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। अदालत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह इस मुद्दे को लेकर संबंधित हाई कोर्ट का रुख करें।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा, “आप हाई कोर्ट जाइए। आपने एक मुद्दा उठाया है। इससे पहले एक याचिका आई थी जिसमें तत्काल सुविधा को ही खत्म करने की मांग की गई थी। अब आप कह रहे हैं कि वेबसाइट में कोई समस्या है। कृपया हाई कोर्ट जाइए।” पीठ ने स्पष्ट किया कि वह याचिका के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है।
याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली की गहन तकनीकी जांच कराए ताकि उन तकनीकी खामियों की पहचान की जा सके, जिनके कारण वास्तविक यात्रियों की बुकिंग असफल हो जाती है। उल्लेखनीय है कि तत्काल टिकट यात्रा से एक दिन पूर्व जारी होते हैं और सीमित संख्या में उपलब्ध होते हैं, जो कुछ ही मिनटों में बुक हो जाते हैं।
इसके अलावा, याचिका में यह भी मांग की गई थी कि सिस्टम के दुरुपयोग को रोकने के लिए साइबर सुरक्षा के कड़े उपाय लागू किए जाएं। आरोप है कि अनाधिकृत एजेंट और दलाल अवैध सॉफ्टवेयर और बॉट्स का उपयोग करके टिकट बुक करते हैं, जिससे आम यात्रियों को नुकसान होता है।
याचिकाकर्ता ने यह भी अनुरोध किया था कि संबंधित प्राधिकारियों को एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाए, जिसमें यह बताया जाए कि सिस्टम के दुरुपयोग को रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा हस्तक्षेप से इनकार करने के बाद अब यह मामला हाई कोर्ट में उठाया जा सकता है, यदि याचिकाकर्ता इसे आगे बढ़ाने का निर्णय लेता है।