सुप्रीम कोर्ट ने मल्टीप्लेक्सों को हर टिकट का ऑडिटेबल रिकॉर्ड रखने के हाईकोर्ट आदेश पर लगाई रोक; कहा– ₹200 की सीमा ‘उचित’ है

 सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें मल्टीप्लेक्स संचालकों को हर फिल्म टिकट की बिक्री का “विस्तृत और ऑडिट योग्य रिकॉर्ड” रखने का निर्देश दिया गया था। यह आदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने 30 सितंबर को उस समय दिया था जब वह Karnataka Cinemas (Regulation) (Amendment) Rules, 2025 के तहत टिकट कीमत को ₹200 तक सीमित करने के नियम पर सुनवाई कर रही थी।

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक स्टेट फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स और अन्य पक्षों को नोटिस जारी किया और चार हफ्तों में जवाब मांगा। अदालत ने कहा, “फिलहाल impugned आदेश का प्रभाव और संचालन स्थगित रहेगा।”

READ ALSO  जज भगवान नहीं हैं - इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकील जजों को "माई लॉर्ड" या "योर लॉर्डशिप" नहीं कहेंगे - बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव पारित किया

सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि सिनेमाघर पहले से ही गिरावट झेल रहे हैं। जस्टिस नाथ ने टिप्पणी की, “पहले ही सिनेमा का पतन हो रहा है। लोगों के लिए इसे सुलभ और उचित बनाइए, नहीं तो हॉल खाली रह जाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि ₹200 की टिकट सीमा “उचित” लगती है।

Video thumbnail

शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि कर्नाटक हाईकोर्ट की एकलपीठ, जिसने पहले टिकट मूल्य निर्धारण नियमों पर अंतरिम स्थगन आदेश दिया था, अब भी मामले की सुनवाई जारी रख सकती है।

कर्नाटक हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 23 सितंबर को राज्य सरकार के उस अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगा दी थी जिसमें सिनेमा टिकट का अधिकतम मूल्य ₹200 तय किया गया था। बाद में जब मामला डिवीजन बेंच के समक्ष गया, तो उसने कहा कि सभी संबंधित पक्षों के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए एक “अंतरिम व्यवस्था” आवश्यक है।

READ ALSO  आपराधिक मामले में बरी होने पर मृतक की मां को प्राकृतिक उत्तराधिकारी के रूप में दहेज की वस्तुएं लौटाने पर कोई रोक नहीं: सुप्रीम कोर्ट

डिवीजन बेंच ने मल्टीप्लेक्सों को हर टिकट की बिक्री का विस्तृत रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया था, जिसमें टिकट की तिथि, समय, बुकिंग का तरीका, भुगतान का माध्यम, वसूली गई राशि और जीएसटी का विवरण शामिल हो। अदालत ने यह भी कहा था कि नकद लेनदेन के लिए डिजिटल रूप से ट्रेस किए जा सकने वाले रसीदें जारी की जाएं और दैनिक नकद रजिस्टर को मल्टीप्लेक्स प्रबंधक द्वारा हस्ताक्षरित किया जाए।

READ ALSO  Supreme Court Upholds Right of Divorced Muslim Women to Seek Maintenance Under Section 125 CrPC

यह मामला अब 25 नवम्बर को हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद डिवीजन बेंच के सभी निर्देश फिलहाल लागू नहीं होंगे। वहीं, एकलपीठ द्वारा नियमों की वैधता पर मुख्य सुनवाई जारी रहेगी।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles