सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ चल रही मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह कार्यवाही उनकी उस टिप्पणी को लेकर शुरू हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश में चीनी सेना ने भारतीय सेना को “पीटा” था। यह बयान 16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिया गया था।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह की पीठ ने राहुल गांधी की विशेष अनुमति याचिका (SLP) पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 29 मई के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। उस याचिका में गांधी ने शिकायत और समन आदेश को रद्द करने की मांग की थी।
मामला क्या है?
पूर्व सीमा सड़क संगठन (BRO) के निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने राहुल गांधी के खिलाफ स्थानीय अदालत में मानहानि की शिकायत दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी की टिप्पणी भारतीय सेना की छवि को धूमिल करने वाली है।

राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह शिकायत दुर्भावनापूर्ण इरादे से और राजनीति से प्रेरित होकर दाखिल की गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने उनके पक्ष में पेश होकर तर्क दिया कि विपक्ष के नेता को सवाल उठाने और चिंता व्यक्त करने का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणियां
सुनवाई के दौरान पीठ ने कई सख्त टिप्पणियां कीं और राहुल गांधी के वकील से तीखे सवाल किए:
- बयान देने का मंच क्यों सोशल मीडिया?
न्यायमूर्ति दत्ता ने पूछा, “जो भी कहना है, वह संसद में क्यों नहीं कहते? सोशल मीडिया पर क्यों कहते हैं?” - तथ्यों का आधार क्या है?
न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा, “आपको कैसे पता चला कि 2000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र चीन के कब्जे में चला गया? क्या आप वहां मौजूद थे? कोई प्रमाण है? अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ऐसी बातें नहीं कहते।” - वकील का जवाब:
डॉ. सिंघवी ने कहा, “यह भी संभव है कि एक सच्चा भारतीय कहे कि हमारे 20 सैनिकों की मौत हुई और यह चिंता का विषय है।” - सीमा संघर्ष और हताहत:
पीठ ने पूछा, “जब सीमा पर संघर्ष होता है, तो क्या दोनों पक्षों में हताहत होना असामान्य है?” - कानूनी बिंदु पर टिप्पणी:
पीठ ने यह भी कहा कि धारा 223 CrPC का मुद्दा इलाहाबाद हाईकोर्ट में नहीं उठाया गया, जो इस मामले में प्रासंगिक हो सकता था।
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ जारी आपराधिक कार्यवाही पर तीन हफ्तों की अंतरिम रोक लगाते हुए मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। अब इस मामले पर विस्तृत सुनवाई होगी।