सुप्रीम कोर्ट ने इंडिया टुडे समूह के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी के खिलाफ चल रही आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह मामला 2024 में प्रसारित एक टेलीविज़न डिबेट से जुड़ा है, जिसमें बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के भीतर चल रहे राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा की गई थी।
न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने 19 मई को पारित आदेश में कहा, “पटना के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित शिकायत वाद संख्या 2540(C) की आगे की कार्यवाही अगली सुनवाई तक स्थगित रहेगी।”
पुरी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख पटना हाई कोर्ट के 24 मार्च के आदेश के खिलाफ किया था, जिसमें उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया गया था जिसमें उन्हें समन भेजे जाने को चुनौती दी गई थी।

यह मानहानि शिकायत उस बहस पर आधारित है जो इंडिया टुडे चैनल पर 2024 में प्रसारित हुई थी। इसमें जदयू के भीतर संभावित नेतृत्व परिवर्तन को लेकर अटकलें लगाई गई थीं, जिनमें नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव और ललन सिंह जैसे प्रमुख नेताओं का जिक्र था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि इस डिबेट में कुछ राजनीतिक व्यक्तित्वों के खिलाफ मानहानिकारक बातें प्रसारित की गईं।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से अरुण पुरी को अंतरिम राहत मिली है। अब यह मामला शीर्ष अदालत में अगली सुनवाई तक स्थगित रहेगा।