सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नीट-यूजी 2025 के परिणामों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता ने एक प्रश्न में त्रुटि होने का आरोप लगाते हुए उत्तर कुंजी में सुधार और परिणामों की पुनः समीक्षा की मांग की थी। हालांकि अदालत ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि इस तरह की परीक्षा में लाखों छात्र शामिल होते हैं और व्यक्तिगत शिकायतों के आधार पर हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि इस तरह की एक जैसी याचिका को दो दिन पहले ही खारिज किया जा चुका है।
पीठ ने कहा, “हम पहले ही समान प्रकृति की याचिकाएं खारिज कर चुके हैं। हम मानते हैं कि कुछ प्रश्नों के एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं, लेकिन हम ऐसी परीक्षा में हस्तक्षेप नहीं कर सकते जिसमें लाखों छात्र भाग लेते हैं। यह किसी एक व्यक्ति का मामला नहीं है — इससे हजारों छात्रों पर प्रभाव पड़ेगा।”

याचिकाकर्ता, जो नीट-यूजी 2025 का एक अभ्यर्थी था, ने उत्तर कुंजी में सुधार और उसके आधार पर परिणामों में संशोधन की मांग की थी। साथ ही, मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए जारी काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध भी किया गया था।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार करते हुए परामर्श (काउंसलिंग) प्रक्रिया को जारी रखने का मार्ग प्रशस्त कर दिया।
राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) देशभर में स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एकमात्र परीक्षा है, जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित किया जाता है।