सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत प्रदान की, जिनके खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्यों को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री साझा करने के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज है।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने मालवीय की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह राहत दी, जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार किया गया था। अदालत ने कहा कि यदि मालवीय भविष्य में कोई और आपत्तिजनक पोस्ट साझा करते हैं, तो राज्य सरकार कानून के तहत कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी।
पीठ ने सोशल मीडिया पर हो रही भाषा की गिरावट को लेकर भी चिंता जताई। अदालत ने कहा, “लोग किसी को भी कुछ भी कह देते हैं,” यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर कथित अभद्रता पर अदालत की नाराजगी को दर्शाती है।

मालवीय के खिलाफ मई में इंदौर के लसूडिया थाने में आरएसएस सदस्य और अधिवक्ता विनय जोशी की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि मालवीय ने सोशल मीडिया पर ऐसे कार्टून, वीडियो और टिप्पणियां पोस्ट कीं, जिनसे हिंदू धार्मिक भावनाएं आहत हुईं और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ा। इन पोस्ट्स में भगवान शिव के संबंध में कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के साथ-साथ मोदी और आरएसएस कार्यकर्ताओं पर कटाक्ष भी शामिल थे।
एफआईआर में विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने, धार्मिक भावनाओं को आहत करने और मानहानि से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं।