सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर में जातीय हिंसा पर ट्वीट के लिए एक पत्रकार के खिलाफ दर्ज एफआईआर के संबंध में किसी भी संभावित दंडात्मक कार्रवाई से उसे सुरक्षा प्रदान की।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मेकपीस सितलहो की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों पर ध्यान दिया और उन्हें आपराधिक कार्यवाही से सुरक्षा प्रदान की।
सिब्बल ने कहा कि पुरस्कार विजेता स्वतंत्र पत्रकार सितल्हो के खिलाफ राज्य में जातीय हिंसा पर उनके ट्वीट को लेकर इंफाल में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पीठ ने कहा, “अगले आदेशों तक, उनके खिलाफ एफआईआर से संबंधित कार्यवाही पर रोक रहेगी। नोटिस जारी करें…।”