सुप्रीम कोर्ट ने सभी प्रकार के ऑनलाइन रियल-मनी गेमिंग पर 28 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने के खिलाफ ई-गेमिंग फेडरेशन की याचिका पर सोमवार को केंद्र और अन्य से जवाब मांगा।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करने से पहले महासंघ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमणी की दलीलों पर ध्यान दिया।
माल एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय को भी दो सप्ताह के भीतर याचिका पर जवाब देने को कहा गया है।
शीर्ष अदालत ने दोनों वकीलों की दलीलों पर ध्यान दिया कि कई उच्च न्यायालयों में इसी तरह की याचिकाएं हैं और वे आदेश पारित कर रहे हैं।
याचिकाकर्ताओं में ड्रीम 11, गेम्स 24×7 और हेड डिजिटल वर्क्स भी शामिल हैं।
जीएसटी परिषद ने पिछले साल जुलाई में अपनी एक बैठक में सिफारिश की थी कि कैसीनो और घुड़दौड़ के साथ-साथ ऑनलाइन गेमिंग पर एक समान दर से कर लगाया जाए।
जीएसटी परिषद ने निर्णय लिया था कि ‘कौशल के खेल’ और ‘मौके के खेल’ के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए।
पीठ ने कहा कि वह जल्द ही याचिका पर सुनवाई करेगी और इसके लिए एक सामान्य संकलन दाखिल करने के लिए नोडल वकील नियुक्त किया।