सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केरल के पत्रकार नंदकुमार टी.पी. को अंतरिम राहत प्रदान की, जिन पर एक प्रमुख महिला राजनेता के खिलाफ उनके यूट्यूब चैनल ‘Crime Online’ पर कथित तौर पर मानहानिकारक वीडियो अपलोड करने को लेकर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।
न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी. वराले की अवकाशकालीन पीठ ने पत्रकार नंदकुमार की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए केरल सरकार और संबंधित थाना प्रभारी को नोटिस जारी किया। पीठ ने निर्देश दिया कि यदि उनकी गिरफ्तारी होती है तो उन्हें ट्रायल कोर्ट द्वारा उपयुक्त बांड और जमानतदारों के आधार पर रिहा किया जाए।
शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि पत्रकार जांच में पूरी तरह सहयोग करें।

नंदकुमार के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें महिला की मर्यादा भंग करने, आपराधिक धमकी देने और जानबूझकर अपमान कर शांति भंग करने के इरादे से कार्य करने जैसे आरोप शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, उनके खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत भी मामला दर्ज किया गया है, जो इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लील सामग्री प्रसारित करने को दंडनीय बनाती है।
केरल पुलिस के अनुसार, विवादित वीडियो में महिला राजनेता के खिलाफ यौन रूप से आपत्तिजनक, अपमानजनक और धमकीपूर्ण टिप्पणियां की गई थीं, जिनका उद्देश्य उनकी छवि को धूमिल करना और उन्हें अपमानित करना था।
इससे पहले 9 जून को केरल हाईकोर्ट ने पत्रकार की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर उन्हें जांच एजेंसियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। उसी आदेश को चुनौती देते हुए पत्रकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां अब यह मामला छह सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।