सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET-PG) 2025 को दो शिफ्ट में आयोजित करने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति जताई है।
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की जगह इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ — जिसमें न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह शामिल थे — ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील की दलीलों पर ध्यान दिया और कहा कि मामले को एक-दो दिन में सूचीबद्ध किया जाएगा।
NEET-PG 2025 परीक्षा 15 जून को दो शिफ्टों में कंप्यूटर आधारित माध्यम से आयोजित की जानी है और परिणाम 15 जुलाई तक घोषित किए जाएंगे।
याचिकाकर्ता की ओर से वकील ने कहा कि अदालत ने पहले 23 मई को यह भरोसा दिलाया था कि मामले को अगले सप्ताह सूचीबद्ध किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस पर उन्होंने फिर से मामले की तात्कालिकता की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि एडमिट कार्ड 2 जून को जारी होने वाले हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “मामला एक-दो दिन में सूचीबद्ध कर दिया जाएगा।”
यह याचिका अदिति और अन्य की ओर से दायर की गई है, जिसमें यह कहा गया है कि परीक्षा को दो शिफ्टों में आयोजित करना अनुचित प्रतिस्पर्धा को जन्म दे सकता है, क्योंकि दोनों शिफ्टों में प्रश्न पत्र का कठिनाई स्तर अलग हो सकता है।
याचिका में मांग की गई है कि परीक्षा को एक ही शिफ्ट में आयोजित किया जाए, ताकि सभी अभ्यर्थियों को न्यायसंगत, तर्कसंगत और समान अवसर मिल सके।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को इस याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE), राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से जवाब मांगा था।
गौरतलब है कि हाल ही में शीर्ष अदालत ने NEET-PG काउंसलिंग में सीट ब्लॉकिंग की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए थे, जिनमें कच्चे अंक (raw scores), उत्तर कुंजी (answer keys) और सामान्यीकरण फार्मूले (normalization formula) को सार्वजनिक करने का निर्देश भी शामिल था।