सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बीआरएस नेता के कविता को जमानत दे दी, जो कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में उलझी हुई हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी के बाद करीब पांच महीने की हिरासत के बाद यह फैसला आया है।
जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन ने सत्र की अध्यक्षता की और 1 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट के पिछले फैसले को पलट दिया, जिसमें कविता की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। हाईकोर्ट ने उन्हें अब निरस्त हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के प्रारूपण और क्रियान्वयन से जुड़ी आपराधिक गतिविधियों में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पहचाना था।
46 वर्षीय कविता को ईडी ने 15 मार्च को हैदराबाद के बंजारा हिल्स स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया था। इसके बाद 11 अप्रैल को सीबीआई ने उन्हें तिहाड़ जेल से हिरासत में लिया। पूरी कानूनी कार्यवाही के दौरान कविता ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों से लगातार इनकार किया है।