सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका खारिज कर दी जिसमें सभी पैसेंजर वाहनों में छह एयरबैग अनिवार्य करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने कहा कि यह मुद्दा पूरी तरह से कार्यपालिका के नीतिगत क्षेत्र में आता है।
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह इस मांग को लेकर सरकार के समक्ष प्रस्तुत हों।
पीठ ने कहा, “याचिका में की गई प्रार्थनाएं पूरी तरह से कार्यपालिका द्वारा बनाए जाने वाली नीति के दायरे में आती हैं। इसलिए हम इस याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।”

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने पहले ही 17 मई को केंद्र सरकार को इस संबंध में एक अभ्यावेदन दिया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि ऐसा कोई अभ्यावेदन दिया गया है तो संबंधित प्राधिकरण उसे उसके गुण-दोष के आधार पर विचार करेगा।
याचिका में यह भी कहा गया था कि छह एयरबैग को अनिवार्य न करना संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन है। अनुच्छेद 14 कानून के समक्ष समानता की गारंटी देता है, जबकि अनुच्छेद 21 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करता है।
इसके साथ ही याचिका में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और चोटों को कम करने के लिए वाहन सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने की मांग भी की गई थी।