सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह ‘उदयपुर फाइल्स – कन्हैयालाल टेलर मर्डर’ फिल्म की रिलीज को लेकर केंद्र सरकार की मंजूरी के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर 28 जुलाई को सुनवाई करे।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्य बागची की पीठ ने कहा कि फिल्म निर्माताओं द्वारा हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के खिलाफ दायर अपील अब निरर्थक हो गई है, क्योंकि उन्होंने 21 जुलाई को केंद्र द्वारा दी गई सशर्त मंजूरी को स्वीकार कर लिया है। इस मंजूरी में छह दृश्य हटाने और डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) में बदलाव करने की शर्तें लगाई गई थीं।
पीठ ने स्पष्ट किया कि उसने इस मुद्दे के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त नहीं की है और दिल्ली हाईकोर्ट इस पर स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकता है कि फिल्म की रिलीज पर रोक जारी रखी जाए या नहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और कन्हैयालाल हत्या कांड के आरोपी मोहम्मद जावेद को दिल्ली हाईकोर्ट में जाकर केंद्र के फैसले को चुनौती देने को कहा।
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 10 जुलाई को मौलाना मदनी की याचिका पर सुनवाई करते हुए फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी थी और केंद्र सरकार को सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 की धारा 6 के तहत की गई याचिका पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया था।
फिल्म निर्माताओं का दावा है कि उन्हें सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से प्रमाणपत्र मिल चुका है, जिसमें 55 कट्स का सुझाव दिया गया था। फिल्म की मूल रिलीज़ तिथि 11 जुलाई निर्धारित थी।
यह फिल्म जून 2022 में उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल की हत्या पर आधारित है। उनकी हत्या कथित रूप से मोहम्मद रियाज़ और मोहम्मद गौस ने की थी। आरोपियों ने हत्या के बाद एक वीडियो जारी कर कहा था कि यह कदम उन्होंने नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने के कारण उठाया।