सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि सरकार अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में परिसीमन आयोग गठित करने पर विचार कर रही है

केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड में परिसीमन अभ्यास करने के लिए आयोग गठित करने पर विचार कर रहा है।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सरकार दोनों पूर्वोत्तर राज्यों के लिए परिसीमन आयोग स्थापित करने पर विचार कर रही है।

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उन्होंने बिना कुछ विस्तार से बताए कहा कि जहां तक मणिपुर का सवाल है, प्रक्रिया ‘स्पष्ट कारणों’ से इंतजार कर सकती है।

पीठ ने मेहता से दो सप्ताह बाद इस संबंध में घटनाक्रम की जानकारी देने को कहा।

शीर्ष अदालत अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड सहित चार पूर्वोत्तर राज्यों में परिसीमन अभ्यास के संचालन के लिए निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
इसने पिछले साल 25 जुलाई को याचिका पर केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया था।

याचिका में परिसीमन अधिनियम, 2002 के तहत प्रासंगिक प्रावधान के संदर्भ में परिसीमन आयोगों के गठन के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है।

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याचिका में दलील दी गई है कि अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड में पिछले 51 साल से परिसीमन की कवायद नहीं की गई है।

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