Madhya Pradesh के लॉ डिपार्टमेंट को सुप्रीम कोर्ट ने देरी से अपील करने के मामले को लेकर फटकार लगाते हुए 35 हजार का जुर्माना लगाया
35 हजार का जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने एमपी गवर्मेन्ट को तय वक़्त से देरी करने के बाद अपील दायर करने को लेकर जमकर फटकार लगाई और
साथ ही साथ मध्य प्रदेश सरकार की न्याय प्रणाली को सुधरने की हिदायत दी।
कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए सरकार पर 35 हजार का जुर्माना लगाते हुए कहा कि
आगे भी ऐसे ही मामले आएंगे तो हर्जाना की राशि को बढ़ा दिया जाएगा।
राज्य सरकार का रवैया ठीक नही-कोर्ट
मध्य प्रदेश सरकार ने 588 दिनों के बाद स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल की थी
जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया ।
कोर्ट का कहना है कि एम पी गवर्मेंट कई चीजों को बार बार दोहरा रहा है
जिससे लगता कि राज्य विभाग तय समय सीमा में अपील दायर करने की स्थिति में नही है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय सिंह कौल की बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव को
न्याय विभाग (law department) में सुधार करने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने पूरे प्रकरण को लेकर सरकार पर 35 हजार का जुर्माना लगाया साथ ही साथ डिप्टी एडवोकेट जनरल को चेतवानी दी कि
आगे से ऐसे मामले संज्ञान में आये तो जुर्माने की रकम में बढ़ोत्तरी की जाएगी।
और रकम की वसूली जिम्मेदार अधिकारियों से करी जाएगी और रिकवरी के सर्टिफिकेट को तय समय पे कोर्ट के समक्ष पेश करना होगा।