Allahabad High Court ने एक फैसला देते हुए कहा है कि गांव कस्बों की ग्राम सभा और ग्राम प्रधान को निजी अधिवक्ताओं से याचिका दाखिल कराने का अधिकार प्राप्त नही है।
उनको केवल राज्य सरकार से नियुक्त स्थाई अधिवक्ताओं के जरिये ही याचिका दाखिल कराने का अधिकार है।
हाई कोर्ट ने हमीरपुर के मौदहा तहसील की फत्तेपुर ग्रामसभा के ग्राम प्रधान की याचिका को रद्द कर दिया है और कहा है कि इसकी अनुमति प्रदान की गई तो राजस्व कोड की धारा 72(4) का बायपास करने की अनुमति होगी। और अधिनियम के उद्देश्य को विफल कर देगी।
हाई कोर्ट के जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने इस याचिका को खारिज ग्राम प्रधान अता नसीबा की याचिका पर किया है।
दायर याचिका में हमीरपुर के जिलाधिकारी के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसके तहत मौदहा नगर पालिका परिषद के परिसीमन विस्तार करने के कारण फत्तेपुर ग्राम सभा का अधिकांश हिस्सा परिषद में शामिल होने के कारण ग्राम सभा की फंडिंग को रोका गया है।
फंड रोकने के खिलाफ गाँव सभा ने जिला पंचायत अधिकारी के सामने याचिका प्रस्तुत की वहां अपील खारिज होने के बाद जिलाधिकारी ने भी इस अपील को खारिज कर दिया ।
खारिज अपील को ग्राम सभा और ग्राम प्रधान ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
ग्राम सभा और ग्राम प्रधान को प्राइवेट अधिवक्तिा से याचिका दाखिल कराने का कोई अधिकार नही
सरकारी अधिवक्ता ने ग्राम सभा और ग्राम प्रधान द्वारा प्राइवेट अधिवक्ता से याचिका दायर कराने पर आपत्ति जताई ।
इस पर याची अधिवक्ता ने गांव सभा को पक्षकार से हटा लिया है और कहा है कि याची ने व्यक्तिगत हैसियत से केस फ़ाइल किया है, क्योंकि याची ग्राम प्रधान के पद पर है।
हाई कोर्ट ने कहा कि धारा 72(4) में स्पष्ट लिखा है कि गाँव सभा ग्राम पंचायत व भूमि प्रबंधक समिति बिना कलेक्टर की पूर्व अनुमति के सरकारी वकील के अलावा निजी वकील से केस दर्ज नही करा सकते।
फत्तेपुर की ग्राम प्रधान ने डीपीआरओ के सामने वाद दायर किया और कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर की है ।
अब ग्राम प्रधान को व्यक्तिगत स्तर से अपील पर पारित आदेश को हाई कोर्ट में चैलेंज करने की अनुमति नही प्रदान की जा सकती है।
Case Details:-
Title: Ata Nasiba And Another vs State Of U.P. And 5 Others
Case No.: WRIT – C No. – 17547 of 2020
Date of Order: 02.11.2020
Coram: Hon’ble Justice Ashwani Kumar Mishra