गुरुवार को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने तीन हाईकोर्टों- दिल्ली, कर्नाटक और पंजाब एवं हरियाणा में सात अतिरिक्त न्यायाधीशों की स्थायी नियुक्ति की सिफारिश की। इस कदम का उद्देश्य इन महत्वपूर्ण न्यायिक संस्थानों की न्यायिक शक्ति और दक्षता को बढ़ाना है।
दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति शालिंदर कौर और रविंदर डुडेजा को अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में उनके योगदान और प्रदर्शन को मान्यता देते हुए स्थायी पदों पर पदोन्नत किया जाएगा।
कर्नाटक हाईकोर्ट में, कॉलेजियम ने स्थायी भूमिकाओं के लिए न्यायमूर्ति रामचंद्र दत्तात्रेय हुड्डार, वेंकटेश नाइक थावर्यानाइक और विजयकुमार अडागौड़ा पाटिल के नाम आगे रखे हैं। इसके अतिरिक्त, न्यायमूर्ति राजेश राय कलंगला 1 फरवरी, 2025 से स्थायी न्यायाधीश बनने वाले हैं, जो प्रत्याशित रिक्ति को भरेंगे।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति हरप्रीत सिंह बराड़ स्थायी सदस्य के रूप में पीठ में शामिल होंगे, जो उनकी विशेषज्ञता और न्यायपालिका द्वारा उनके कानूनी कौशल पर रखे गए विश्वास को दर्शाता है।
ये निर्णय कॉलेजियम की नवीनतम बैठक में पारित प्रस्तावों का हिस्सा थे, जो संबंधित हाईकोर्ट में मेधावी अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थायी पदों पर परिवर्तित करके न्यायपालिका के कामकाज को स्थिर करने के निरंतर प्रयास का संकेत देते हैं।