तमिलनाडु की कल्याणकारी योजनाओं में अनियमितताओं की सीबीआई जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर सावुक्कु शंकर की याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु के यूट्यूबर सावुक्कु शंकर की उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार की दो योजनाओं — अन्नाल अंबेडकर बिजनेस चैंपियंस स्कीम (AABCS) और NAMASTE योजना — में वित्तीय अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की है।

मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने शंकर की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए संबंधित पक्षों से जवाब मांगा। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने बताया कि याचिका दायर करने के बाद उनके घर में तोड़फोड़ की गई, जो उन्हें डराने की कोशिश हो सकती है।

शंकर ने आरोप लगाया है कि इन योजनाओं, जिनका उद्देश्य अनुसूचित जाति के उद्यमियों और सफाईकर्मियों को सशक्त बनाना था, को अयोग्य लाभार्थियों ने निजी कंपनियों और राजनीतिक हस्तक्षेप की मदद से “हाईजैक” कर लिया। उन्होंने दावा किया कि इसके चलते सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ है।

READ ALSO  हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार, MAMC से शव परीक्षण के दौरान मानव अंगों को हटाने पर डॉक्टर की याचिका पर जवाब देने को कहा

इससे पहले मद्रास हाई कोर्ट ने उनकी सीबीआई जांच की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि इससे राज्य पुलिस की वर्तमान जांच प्रभावित हो सकती है। हालांकि, हाई कोर्ट ने अधिकारियों को 12 सप्ताह के भीतर जांच पूरी कर अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने और योजना के तहत ठेका पाने वालों की पात्रता की दोबारा समीक्षा करने का निर्देश दिया था।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने शंकर की पूर्व अवमानना सजा का भी ज़िक्र किया। एक न्यायाधीश ने कहा, “आपको पहले अवमानना के लिए दोषी ठहराया गया था।” इस पर वकील ने बताया कि उन्होंने बिना शर्त माफी मांगी थी, जिस पर न्यायमूर्ति चंद्रन ने टिप्पणी की, “हर कोई यही करता है—पहले किसी की छवि खराब करो, फिर माफी मांग लो।”

READ ALSO  UP Govt Moves SC over Allahabad HC’s order Granting Anticipatory Bail to an accused on apprehension of death due to Covid

गौरतलब है कि शंकर को 2022 में एक यूट्यूब इंटरव्यू में न्यायपालिका को लेकर की गई टिप्पणियों के चलते मद्रास हाई कोर्ट ने छह महीने की सजा दी थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर 2023 को उनकी रिहाई का आदेश दिया था, लेकिन रिहाई के तुरंत बाद उन्हें तमिलनाडु गुंडा एक्ट के तहत फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।

इस वर्ष मई में उन्हें फिर से गिरफ्तार किया गया, जब उन्होंने “RedPix 24×7” यूट्यूब चैनल को दिए एक इंटरव्यू में महिला पुलिसकर्मियों और कुछ हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके चलते उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई थीं।

READ ALSO  केरल हाईकोर्ट ने हेमा समिति की रिपोर्ट पर निष्क्रियता के लिए राज्य सरकार की आलोचना की

सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई संबंधित पक्षों से जवाब मिलने के बाद करेगा।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles