सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार को दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (DERC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति से संबंधित अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन तथा न्यायमूर्ति एन.वी. अंजरिया की पीठ ने यह आदेश पारित किया। अदालत ने कहा, “याचिकाकर्ता (दिल्ली सरकार) की ओर से वकील ने इस रिट याचिका को वापस लेने का आवेदन दायर किया है। अतः आवेदन स्वीकार किया जाता है और याचिका को वापस लिया गया मानकर निस्तारित किया जाता है।”
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत को आश्वस्त किया कि जब तक नियमित नियुक्तियां कानून के अनुसार नहीं हो जातीं, तब तक डीईआरसी के सभी वर्तमान प्रो टेम सदस्य अपनी सेवाएं जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शीघ्र पूरी की जाएगी।

यह याचिका वर्ष 2023 में तत्कालीन आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने दायर की थी, जिसमें डीईआरसी सदस्यों की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे। नवंबर 2023 में सर्वोच्च न्यायालय ने आयोग के सुचारू संचालन को बनाए रखने के लिए दो प्रो टेम सदस्यों की सिफारिश हेतु तीन सदस्यीय चयन समिति गठित की थी।
याचिका वापस लेने के बाद अब दिल्ली सरकार पर यह जिम्मेदारी आ गई है कि वह कानूनी प्रावधानों के अनुसार डीईआरसी अध्यक्ष और सदस्यों की नियमित नियुक्ति की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करे।