नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र 2025 आज शुरू हो गया, जिसमें सरकार ने एक महत्वाकांक्षी और विविधतापूर्ण विधायी एजेंडा पेश किया है। सरकार ने जिन पंद्रह प्रमुख विधेयकों की सूची जारी की है, उनमें आर्थिक सुधार, समुद्री कानूनों में बड़ा बदलाव, निर्वाचन संबंधी समायोजन और खेल एवं शिक्षा जैसे विशेष क्षेत्रों में शासन से जुड़े मसले शामिल हैं।
“मानसून सत्र, 2025 के दौरान विचारार्थ लिए जाने वाले विधेयकों की सूची” के अनुसार, सरकार ने कुल पंद्रह अहम विधेयकों का प्रस्ताव रखा है। सूची में शामिल विषयों की विविधता यह इशारा करती है कि लोकसभा और राज्यसभा दोनों के लिए यह सत्र व्यस्त रहने वाला है। खास तौर पर मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (संशोधन) विधेयक, 2025 को एक अध्यादेश की जगह लाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है, जो इस कानून की तात्कालिकता को दर्शाता है।
विचारार्थ प्रस्तावित विधेयक
🔹 समुद्री और शिपिंग क्षेत्र:
सत्र का बड़ा ध्यान समुद्री क्षेत्र से जुड़े कानूनी ढांचे को आधुनिक बनाने पर है। इसके तहत पाँच विधेयक पेश किए जाएंगे:

- बिल्स ऑफ लाडिंग विधेयक, 2024
- कैरिज ऑफ गुड्स बाय सी विधेयक, 2024
- कोस्टल शिपिंग विधेयक, 2024
- मर्चेंट शिपिंग विधेयक, 2024
- इंडियन पोर्ट्स विधेयक, 2025
🔹 आर्थिक और कर सुधार:
सरकार आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए निम्नलिखित विधेयक लाने जा रही है:
- इनकम-टैक्स विधेयक, 2025
- टैक्सेशन लॉज़ (संशोधन) विधेयक, 2025
- मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (संशोधन) विधेयक, 2025 (अध्यादेश की जगह)
🔹 शासन, सामाजिक और निर्वाचन सुधार:
शासन और प्रतिनिधित्व से जुड़े कई विधेयक भी एजेंडे में हैं:
- गोवा राज्य में अनुसूचित जनजातियों की विधानसभा क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व पुन: समायोजन विधेयक, 2024
- जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2025
- भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025
🔹 विशेषीकृत क्षेत्र:
विरासत, प्राकृतिक संसाधन और खेल प्रशासन से जुड़े विधेयक:
- जियोहेरिटेज साइट्स और जियो-रिलिक्स (संरक्षण एवं रख-रखाव) विधेयक, 2025
- खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025
- नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस विधेयक, 2025
- नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक, 2025
विश्लेषण और अपेक्षाएँ
इस व्यापक सूची से स्पष्ट है कि सरकार कई मोर्चों पर कानून बनाने के लिए तैयार है। समुद्री उद्योग से जुड़े विधेयकों का समूह शिपिंग, माल ढुलाई और बंदरगाह प्रबंधन कानूनों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक ठोस प्रयास की ओर इशारा करता है। आर्थिक क्षेत्र में नया इनकम-टैक्स विधेयक और कर कानूनों में संशोधन उद्योग जगत और करदाताओं की विशेष रुचि का केंद्र रहेंगे।
जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2025, छोटे अपराधों के अपराधीकरण को खत्म कर व्यापार सुगमता बढ़ाने की दिशा में सरकार की जारी प्रतिबद्धता को दिखाता है। वहीं, नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस विधेयक, 2025 और नेशनल एंटी-डोपिंग संशोधन विधेयक, 2025, खेल प्रशासन में मजबूत नियामक ढांचा स्थापित करने के संकेत देते हैं।
ध्यान देने वाली बात है कि यह सूची अस्थायी है और अंतिम कार्यसूची में बदलाव हो सकते हैं। विधेयकों का पारित होना इस सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में होने वाली बहसों और चर्चाओं पर निर्भर करेगा।