नई दिल्ली—- सुप्रीम कोर्ट ने 2009 में नाबालिग के साथ रेप व हत्या करने वाले दोषी नरेश शाह को रियायत देने से स्पष्ट इनकार करते हुए टिप्पणी की कि समाज को जंगल बनने की इजाजत नही दी जा सकती है।
जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने नरेश शाह की इस दलील को भी नकार दिया कि घटना के समय वह 20 वर्ष का था,इसलिए उसे राहत दी जाए।
पीठ ने दोषी शाह के पक्षकार अधिवक्ता मीनाक्षी विज से कहा,जरा आप पीड़िता के बारे में सोचिए। आपके मुवक्किल को तो इस बात का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उसे फांसी की सजा नही दी गई। उसने जो घिनौना कृत्य किया है,उसे उसकी सजा मिलनी ही चाहिए।
विधिक सेवा अथॉरिटी की तरफ से नरेश शाह को उपलब्ध कराई गई वकील विज ने कहा कि वह एक दशक से अधिक समय से जेल में है। ऐसे में उस पर रहम किया जाय। ऐसा कोई आदेश जारी किया जाय जिससे वह जेल के बाहर आ सके। उन्होंने सजा को कम करने की भी मांग की। इस पर पीठ ने कहा कि इस समाज को जंगल बनने की इजाजत नही दी जा सकती।