कलकत्ता हाईकोर्ट ने बुधवार को संजय रॉय द्वारा दाखिल एक अपील पर 16 जुलाई को सुनवाई निर्धारित की है। रॉय को अगस्त 2024 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक युवा डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। रॉय ने इस अपील में स्वयं को निर्दोष बताते हुए दोषमुक्ति की मांग की है।
न्यायमूर्ति देबांग्सु बसाक और न्यायमूर्ति प्रशंजीत बिस्वास की खंडपीठ ने रॉय के अधिवक्ता को निर्देश दिया कि सुनवाई से पहले अपील की प्रति सभी संबंधित पक्षों को उपलब्ध कराई जाए।
इस जघन्य अपराध के लिए रॉय को जनवरी 2025 में ट्रायल कोर्ट ने दोषी करार देते हुए प्राकृतिक जीवन के अंत तक जेल में रखने की सजा सुनाई थी। यह घटना 9 अगस्त 2024 को घटी थी, जब अस्पताल परिसर में ड्यूटी पर तैनात एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी। रॉय को अगले दिन कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था और 13 अगस्त को हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दिया गया था।

हाईकोर्ट पहले ही CBI की उस अलग अपील को स्वीकार कर चुका है जिसमें उसने रॉय की सजा बढ़ाने की मांग की है। CBI का तर्क है कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए था। हालांकि, राज्य सरकार द्वारा ट्रायल कोर्ट की सजा को चुनौती देने वाली अपील को हाईकोर्ट ने स्वीकार नहीं किया।
इस मामले ने देशभर में जनआक्रोश और चिकित्सकों के बीच भारी आक्रोश उत्पन्न किया था, जिससे अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने की मांग तेज हो गई थी।