रेनुकास्वामी हत्या मामले की मुख्य आरोपी (A1) अभिनेत्री पवित्रा गौड़ा को मंगलवार को एक और बड़ा झटका लगा, जब शहर की सेशन कोर्ट ने उनकी ताज़ा जमानत अर्जी खारिज कर दी।
64वीं सेशन कोर्ट के न्यायाधीश आई. पी. नाइक ने सुनवाई पूरी करने के बाद आदेश सुनाया। पवित्रा गौड़ा की ओर से अधिवक्ता बालन ने दलीलें रखते हुए जमानत देने का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत संतुष्ट नहीं हुई।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पवित्रा गौड़ा सहित सात आरोपियों—जिनमें कन्नड़ अभिनेता दर्शन थूगूदेपा और प्रादोष भी शामिल हैं—को मिली जमानत रद्द कर दी थी। पुलिस की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि इस चरण पर जमानत मिलने से जांच प्रभावित हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पवित्रा गौड़ा को 14 अगस्त को उनके घर से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें परप्पना अग्राहारा केंद्रीय जेल भेजा गया। उन्हें पहले जमानत मिल चुकी थी, जिसके दौरान वह अपने परिवार, व्यवसाय और मंदिर संबंधी गतिविधियों में लगी हुई थीं।
पुलिस के अनुसार, मृतक रेनुकास्वामी अभिनेता दर्शन का प्रशंसक था और उसने पवित्रा गौड़ा को कथित तौर पर अश्लील संदेश भेजे थे। इससे गुस्से में आकर दर्शन और अन्य आरोपियों ने उसकी हत्या की साज़िश रची।
9 जून को रेनुकास्वामी का शव बेंगलुरु के सुमनहल्ली स्थित एक अपार्टमेंट के पास नाले के किनारे मिला था। इस हाई-प्रोफाइल मामले में फिल्मी जगत से जुड़े बड़े नाम शामिल होने के कारण यह लगातार सुर्खियों में बना हुआ है।
सेशन कोर्ट के ताज़ा आदेश के बाद पवित्रा गौड़ा को न्यायिक हिरासत में ही रहना होगा और अब वह केवल ऊपरी अदालत से ही राहत की उम्मीद कर सकती हैं।