कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) के मार्केटिंग प्रमुख निखिल सोसले और डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के तीन अधिकारियों को अंतरिम ज़मानत दे दी। इन चारों को 4 जून को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी।
न्यायमूर्ति एस. आर. कृष्ण कुमार ने 11 जून को हुई सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया और सभी चारों आरोपियों को अपने पासपोर्ट जमा करने का निर्देश भी दिया।
गिरफ्तार किए गए अन्य तीन आरोपी हैं—सुनील मैथ्यू, किरण कुमार एस और शमंत एन पी माविनकेरे—जो इवेंट मैनेजमेंट कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्रा. लि. से जुड़े हैं। यह कंपनी आरसीबी की आईपीएल जीत के उपलक्ष्य में आयोजित विजय उत्सव का आयोजन कर रही थी।
चारों आरोपियों को 6 जून को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। 9 जून को कर्नाटक की अपराध जांच विभाग (CID) ने इनकी 9 दिनों की कस्टडी मांगी थी, लेकिन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने हाईकोर्ट की सुनवाई लंबित होने के कारण आदेश को स्थगित कर दिया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 11 जून को CID ने चारों आरोपियों की कस्टडी के लिए दी गई अपनी याचिका वापस ले ली। सुनवाई के दौरान CID के सहायक पुलिस अधीक्षक जगदीश ने कहा कि पूछताछ ज़रूरी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आयोजन में किस स्तर पर चूक हुई, जिससे यह हादसा हुआ।
हालांकि, मजिस्ट्रेट ने CID की ओर से की गई तत्काल हिरासत की मांग पर सवाल उठाया और पूछा कि हाईकोर्ट के फैसले से ठीक एक दिन पहले एक दिन की कस्टडी से क्या हासिल किया जा सकेगा। RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीश चौटा ने CID की मांग का विरोध करते हुए तर्क दिया कि मामला पहले से ही हाईकोर्ट के विचाराधीन है।
यह मामला उस त्रासद भगदड़ से जुड़ा है जो RCB की पहली आईपीएल खिताबी जीत के बाद आयोजित समारोह के दौरान स्टेडियम के बाहर उमड़ी भीड़ के बीच मची थी। प्रारंभिक जांच में आयोजन में भीड़ प्रबंधन और समन्वय की गंभीर चूकें सामने आई हैं।