मलयालम सिनेमा अभिनेता सिद्दीकी ने बलात्कार के आरोप में केरल हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत खारिज किए जाने के बाद अपनी कानूनी लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक बढ़ा दिया है। शीर्ष न्यायालय ने हाईकोर्ट के निर्णय के एक दिन बाद बुधवार को उनकी याचिका दर्ज की, जिसमें उनके खिलाफ आरोपों की गंभीर प्रकृति का हवाला दिया गया था, जिसके लिए गहन जांच के लिए हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता थी।
यह मामला एक अभिनेत्री द्वारा लगाए गए आरोपों से उपजा है, जिसने दावा किया था कि सिद्दीकी ने 2016 में तिरुवनंतपुरम के मैस्कॉट होटल में उसके साथ बलात्कार किया था। केरल हाईकोर्ट ने सिद्दीकी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि प्रस्तुत किए गए साक्ष्य अपराध में उनकी संलिप्तता का संकेत दे सकते हैं। बढ़ते आरोपों के जवाब में, सिद्दीकी ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के महासचिव के रूप में अपनी भूमिका से इस्तीफा दे दिया और इसकी 17-सदस्यीय कार्यकारी समिति से भी इस्तीफा दे दिया।
यह कानूनी उथल-पुथल 2017 के अभिनेत्री उत्पीड़न मामले के मद्देनजर आई है, जिसने मलयालम फिल्म उद्योग में व्याप्त कथित शोषण पर प्रकाश डाला। इन खुलासों के जवाब में गठित न्यायमूर्ति हेमा समिति ने मलयालम सिनेमा में कई उल्लेखनीय हस्तियों को लक्षित करते हुए यौन उत्पीड़न के अपराधों के लिए कई एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें जयसूर्या, एडावेला बाबू और मनियानपिला राजू शामिल हैं।