राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2021 से जुड़े उन अभ्यर्थियों का मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है, जो अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट के आदेश से परीक्षा में शामिल हुए थे। इसके साथ ही अदालत ने इनके प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है। एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस अनिल उपमन की खंडपीठ ने यह आदेश आरपीएससी व अन्य की अपील पर दिए।
अभ्यर्थियों की ओर से कहा गया कि आयोग ने अन्य अभ्यर्थियों का मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है। ऐसे में उनका परिणाम भी जारी किया जाए, ताकि उन्हें साक्षात्कार के लिए तैयारी करने का पर्याप्त मौका मिल सके। वहीं अदालत के पूछने पर आरपीएससी के अधिवक्ता मिर्जा फैसल बेग ने कहा कि अभी साक्षात्कार की तिथि तय नहीं हुई है। इस पर अदालत ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मुख्य परीक्षा में शामिल हुए थे और सुप्रीम कोर्ट ने उनका परिणाम सीलबंद लिफाफे में रखने के आदेश दे रखे हैं।
मामले के अनुसार हाईकोर्ट की एकलपीठ ने आरएएस भर्ती-2021 की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए विवादित प्रश्नों को लेकर परीक्षा के परिणाम को रद्द कर दिया था। इसके साथ ही अदालत ने चार प्रश्नों की जांच विशेषज्ञ कमेटी से कराने के आदेश देते हुए एक प्रश्न का विकल्प बदलते हुए एक प्रश्न को डिलीट किया था।
एकलपीठ के इस आदेश पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रोक लगा दी थी। इस पर एकलपीठ में याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी पेश की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मुख्य परीक्षा में शामिल करने को कहा था। गौरतलब है कि आरपीएससी ने 20 जुलाई 2021 को आरएएस के 363 और अधीनस्थ सेवा के 625 पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसकी प्रारंभिक परीक्षा 27 अक्टूबर 2021 को आयोजित की गई। वहीं 3 नवंबर 2021 को मॉडल उत्तर कुंजी जारी कर 19 नवंबर को परिणाम जारी किया गया। इसके बाद 22 नवंबर को आपत्तियों का निस्तारण कर अंतिम उत्तर कुंजी जारी की गई थी।