राजस्थान हाईकोर्ट: फाइनल सुनवाई के दिन वकील नदारद, बिना पूर्व सूचना स्थगन मांगने पर 25 हजार का हर्जाना

राजस्थान हाईकोर्ट ने ‘अंतिम निस्तारण’ (Final Disposal) के लिए नियत मामलों में बिना पूर्व सूचना के स्थगन (Adjournment) मांगने की प्रवृत्ति पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। कोर्ट ने सरिता कुमारी बनाम राजस्थान राज्य के मामले में सुनवाई टालने के अनुरोध पर नाराजगी जताते हुए 25,000 रुपये का हर्जाना लगाया है।

जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकल पीठ ने इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई कि जब मामला अंतिम सुनवाई के लिए तय था, तब मुख्य वकील उपस्थित नहीं हुए और उनकी जगह एक प्रॉक्सी वकील ने आकर स्थगन की मांग की।

मामले की पृष्ठभूमि

यह मामला (S.B. Civil Writ Petition No. 11423/2023) 27 नवंबर, 2025 को हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था। इससे पहले, 1 नवंबर, 2025 को कोर्ट ने विशेष रूप से उत्तरदाताओं के वकील श्री युवराज सामंत की उपस्थिति में इस तारीख को “अंतिम निस्तारण” के लिए तय किया था।

हालाँकि, जब सुनवाई के लिए मामला पुकारा गया, तो श्री सामंत की ओर से वकील श्री तिलक वैद पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि श्री सामंत उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि वे किसी अन्य मामले में पैरवी के लिए जोधपुर गए हुए हैं, इसलिए सुनवाई स्थगित कर दी जाए।

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हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी

जस्टिस जैन ने पाया कि सुनवाई की तारीख वकील की जानकारी में पहले से थी। कोर्ट ने कहा कि पहले से तारीख पता होने के बावजूद, स्थगन के लिए कोई पूर्व आवेदन (Application) दायर नहीं किया गया।

अपने आदेश में कोर्ट ने स्पष्ट कहा:

“वकील की दलीलों और इस तथ्य पर विचार करने के बाद कि 01.11.2025 को ही इस कोर्ट ने 27.11.2025 की तारीख तय कर दी थी, और यह तथ्य पहले से पता होने के बावजूद स्थगन के लिए कोई आवेदन दायर नहीं किया गया, यह दूसरे पक्ष के वकील को असुविधा पहुँचाने और संबंधित पक्ष पर गलत प्रभाव (Bad Impression) डालने के लिए पर्याप्त है।”

फैसला और हर्जाना

कोर्ट ने स्थगन के अनुरोध को स्वीकार तो कर लिया, लेकिन भारी हर्जाने के साथ।

  1. हर्जाना राशि: कोर्ट ने 25,000 रुपये का हर्जाना (Cost) लगाया है।
  2. जमा करने के निर्देश: यह राशि दो सप्ताह के भीतर राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (RSLSA) के कॉस्ट फंड में जमा करनी होगी।
  3. वसूली का आदेश: कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया कि यदि निर्धारित समय के भीतर हर्जाना जमा नहीं किया जाता है, तो इसकी वसूली RPSC (राजस्थान लोक सेवा आयोग) से की जाएगी।
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अब इस मामले को अंतिम निस्तारण के लिए 10 दिसंबर, 2025 को दोपहर 02:00 बजे सूचीबद्ध किया गया है।

केस डिटेल्स:

  • केस टाइटल: सरिता कुमारी बनाम राजस्थान राज्य
  • केस नंबर: S.B. Civil Writ Petition No. 11423/2023
  • बेंच: जस्टिस अशोक कुमार जैन
  • पैरवी:
    • याचिकाकर्ता के लिए: श्री त्रिभुवन नारायण सिंह
    • उत्तरदाता के लिए: श्री युवराज सामंत के लिए श्री तिलक वैद; श्री मनोज शर्मा (AAG) के लिए श्री विशाल कुमार
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