पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को पंजाब के सहायता प्राप्त स्कूलों के लगभग 8,000 सेवानिवृत्त शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की पेंशन को छठे वेतन आयोग के अनुसार समायोजित करने का आदेश जारी किया है।
कोर्ट ने सरकार को इन बदलावों को लागू करने के लिए एक महीने का समय दिया है और चेतावनी दी है कि अगर अगली सुनवाई तक फैसले पर अमल नहीं हुआ तो शिक्षा और वित्त दोनों विभागों के सचिवों को कोर्ट में उपस्थित होना होगा.
वकील सनी सिंगला के माध्यम से सत्य प्रकाश और अन्य द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया कि पिछले दो वर्षों से मामला विचाराधीन होने के बावजूद सेवानिवृत्त लोगों को छठे वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित पेंशन लाभ अभी तक नहीं मिला है।
21 दिसंबर 2023 को वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में पेंशन संशोधन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गयी थी, लेकिन उसके बाद से कोई व्यावहारिक कदम नहीं उठाया गया है.
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अदालत ने सैद्धांतिक मंजूरी को लागू करने में लंबी देरी के लिए पंजाब सरकार की आलोचना की और कहा कि कुछ औपचारिकताएं अभी भी लंबित हैं। सरकार ने पेंशन समायोजन को अंतिम रूप देने के लिए चार अतिरिक्त सप्ताह का अनुरोध किया।
हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि पेंशन की पुनर्गणना चार सप्ताह के भीतर की जाए और इसका पालन न करने पर अगली सुनवाई में शिक्षा और वित्त दोनों विभागों के सचिवों की उपस्थिति की आवश्यकता होगी।