पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने शिरोमणि अकाली दल (SAD) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की अग्रिम जमानत याचिका पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा है।
जस्टिस त्रिभुवन दहिया की पीठ ने गुरुवार को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 23 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। यह एफआईआर 31 जुलाई को अमृतसर में दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मजीठिया ने 25 जून को उनके घर पर विजिलेंस ब्यूरो (VB) की छापेमारी के दौरान अधिकारियों को ड्यूटी करने से रोका। यह छापेमारी कथित तौर पर ₹540 करोड़ के नशीली दवाओं के धन की मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े disproportionate assets (DA) मामले में की गई थी।
इससे पहले अमृतसर की अदालत ने 27 अगस्त को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। वहीं 10 सितंबर को मोहाली की अदालत ने नाभा जेल में अलग बैरक की मांग को भी ठुकरा दिया। मजीठिया वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। उनके वकील का कहना है कि यह मामला राजनीतिक रूप से प्रेरित है और उन्हें जेल में रखने के लिए बार-बार नए मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।
22 अगस्त को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मोहाली अदालत में DA मामले में 40,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। यह मामला 2021 के चर्चित ड्रग केस से जुड़ा है, जिसकी जांच पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम कर रही है।
मजीठिया पर 2021 में एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के तहत मामला दर्ज हुआ था। यह कार्रवाई 2018 की एंटी-ड्रग टास्क फोर्स की रिपोर्ट के आधार पर की गई थी। वे 5 महीने से अधिक समय तक पटियाला जेल में बंद रहे और अगस्त 2022 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा हुए थे।
अब हाईकोर्ट इस मामले पर 23 सितंबर को अगली सुनवाई करेगा।




