मुंबई हमले के आरोपी तहावुर राणा के परिवार से संपर्क पर NIA ने जताई आपत्ति, साझा हो सकती है संवेदनशील जानकारी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को विशेष NIA अदालत में मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहावुर हुसैन राणा के परिवार से संपर्क की मांग का विरोध किया। एजेंसी ने तर्क दिया कि राणा यदि परिवार से बात करता है तो वह जांच से जुड़ी अहम और संवेदनशील जानकारी साझा कर सकता है। NIA ने कहा कि मामला फिलहाल नाजुक मोड़ पर है।

64 वर्षीय तहावुर राणा, जो पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक हैं, 2008 के मुंबई हमलों में शामिल होने के आरोप में भारत में अभियोजन का सामना कर रहे हैं। उनकी ओर से वकील ने कोर्ट में दलील दी कि परिवार से बात करना उनका मौलिक अधिकार है। अदालत ने मामले में सुनवाई के बाद आदेश 24 अप्रैल के लिए सुरक्षित रख लिया है।

READ ALSO  विभागीय जांच करने से पहले संतुष्टि दर्ज करना अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट

NIA के अनुसार, राणा हमले की साजिश रचने की शुरुआती योजना का अहम हिस्सा था और उसने मुख्य साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर हमले की तैयारियों में भागीदारी की थी। एजेंसी ने बताया कि भारत में हेडली की रेकी यात्रा से पहले दोनों के बीच ईमेल के माध्यम से बातचीत हुई थी जिसमें ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी, और अन्य पाकिस्तानी नागरिक जैसे इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की भूमिका का भी उल्लेख था।

Video thumbnail

हेडली ने मिशन के दौरान किसी भी संभावित परेशानी की स्थिति में राणा को अपनी संपत्ति और व्यक्तिगत जानकारियों की जानकारी भी दी थी। इसी पृष्ठभूमि में NIA राणा की हिरासत के दौरान उसके किसी भी संपर्क को लेकर सतर्क है।

READ ALSO  बेटियों का भरण-पोषण करना और उन्हें 'उत्कृष्ट शिक्षा' प्रदान करना पिता का कर्तव्य है, भले ही वे तलाक के बाद माँ के साथ ही क्यों न रहती हों: कर्नाटक हाईकोर्ट

गौरतलब है कि तहावुर राणा को इस महीने की शुरुआत में अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रत्यर्पण याचिका खारिज किए जाने के बाद भारत लाया गया। उन्हें 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमलों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 10 आतंकवादियों ने रेलवे स्टेशन, दो फाइव-स्टार होटल और एक यहूदी केंद्र सहित कई स्थानों पर हमला किया था, जिससे 166 लोगों की मौत हो गई थी।

READ ALSO  स्थानांतरण या मामलों को जोड़ने का विवेक कोर्ट के अधीन है, ना कि मुगल साम्राज्य के विवेक पर: हाईकोर्ट
Ad 20- WhatsApp Banner

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles