नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को तिहाड़ जेल से अपने परिवार से नियमित फोन कॉल करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। एजेंसी ने इसके पीछे “सुरक्षा संबंधी खतरे” का हवाला दिया है।
इस मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, एनआईए का यह रुख दिल्ली कारागार के उपमहानिरीक्षक (DIG) द्वारा विशेष एनआईए न्यायाधीश चंदरजीत सिंह के समक्ष दायर एक स्टेटस रिपोर्ट में प्रस्तुत किया गया। अदालत ने पहले तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि वह राणा की मासिक पारिवारिक कॉल की अर्जी पर एनआईए की राय प्राप्त करे।
64 वर्षीय पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी राणा ने कानूनी सहायता से नियुक्त अधिवक्ता पीयूष सचदेवा के माध्यम से याचिका दाखिल कर अपने परिवार से हर महीने एक बार फोन पर बात करने की अनुमति मांगी थी। याचिका में यह तर्क दिया गया था कि एक विचाराधीन कैदी के रूप में उनके मौलिक अधिकारों के तहत उन्हें यह सुविधा दी जानी चाहिए, ताकि वे अपने भविष्य के कानूनी कदमों पर अपने परिजनों से परामर्श कर सकें।

इससे पहले 9 जून को अदालत ने जेल नियमावली के तहत एक बार के लिए फोन कॉल की अनुमति दी थी और साथ ही जेल प्रशासन को यह भी निर्देश दिया था कि वे मासिक कॉल की संभावना पर विचार करें। अब एनआईए द्वारा अनुमति न दिए जाने के बाद, अंतिम निर्णय फिर से अदालत के पाले में आ गया है।
विशेष न्यायाधीश चंदरजीत सिंह इस मुद्दे पर 1 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई में अंतिम निर्णय ले सकते हैं।