नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि वकीलों की भर्ती में कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT-PG) स्कोर को आधार बनाने के अपने फैसले पर वह पुनर्विचार कर सकती है। साथ ही, अथॉरिटी ने आवेदन की अंतिम तिथि 10 सितंबर से बढ़ाकर 25 सितंबर कर दी।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेदेला की पीठ को यह जानकारी उस याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई, जिसमें NHAI की 11 अगस्त की अधिसूचना को चुनौती दी गई है। इस अधिसूचना में 2022 से आगे के CLAT-PG स्कोर के आधार पर 44 युवा विधि पेशेवरों की नियुक्ति का प्रावधान किया गया था।
अधिवक्ता शन्नू बघेल द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि CLAT-PG केवल उम्मीदवारों की मास्टर डिग्री (एलएलएम) में प्रवेश योग्यता परखने के लिए आयोजित होता है और इसे सार्वजनिक रोजगार का आधार नहीं बनाया जा सकता। याचिकाकर्ता ने दलील दी, “चयन हेतु मेरिट बनाने का यह आधार उचित और तार्किक उद्देश्य से मेल नहीं खाता।”

इसके अलावा, यह भी कहा गया कि केवल CLAT-PG 2022 और उसके बाद परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों तक भर्ती सीमित करने से अन्य विधि स्नातक और प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ताओं के साथ अनुचित भेदभाव होगा। इस मानदंड को “मनमाना और अनुचित” बताया गया।
पीठ ने पहले भी यह टिप्पणी की थी कि CLAT-PG का उद्देश्य उच्च विधि शिक्षा के लिए अकादमिक योग्यता का मूल्यांकन करना है, न कि सरकारी रोजगार के लिए चयन करना।
NHAI की इस प्रस्तुति को दर्ज करते हुए कि मामला पुनर्विचार के लिए रखा जा सकता है, अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 18 सितंबर तय की।