शुक्रवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में तीन अधिवक्ताओं—दीपक खोत, अमित सेठ और पवन द्विवेदी—ने जज के रूप में शपथ ली। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा ने हाईकोर्ट परिसर में आयोजित एक समारोह में तीनों को शपथ दिलाई।
यह नियुक्तियाँ केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी उस अधिसूचना का हिस्सा हैं, जिसमें देश के विभिन्न हाईकोर्टों के लिए सात अधिवक्ताओं को जज नियुक्त किया गया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में नियुक्त तीनों जज भी इसी अधिसूचना के तहत नियुक्त किए गए हैं।
नव नियुक्त जजों का संक्षिप्त परिचय:
जस्टिस दीपक खोत
3 मार्च 1975 को ग्वालियर में जन्मे जस्टिस दीपक खोत ने वर्ष 2000 में वकालत प्रारंभ की। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, जिला न्यायालयों और उपभोक्ता फोरम में वकालत की। वे कई प्रमुख राजनेताओं और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के लिए अधिवक्ता रहे हैं। सरकारी सेवा में उन्होंने ग्वालियर नगर निगम, ग्वालियर विकास प्राधिकरण, व्यापार मेला प्राधिकरण, स्मार्ट सिटी विकास निगम और मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड जैसे निकायों के लिए मुख्य विधिक सलाहकार एवं मुख्य स्थायी अधिवक्ता के रूप में कार्य किया। उन्होंने वर्ष 2010–2011 तथा पुनः 2020 से अपनी पदोन्नति तक मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, ग्वालियर खंडपीठ के लिए सरकारी अधिवक्ता के रूप में सेवा दी।
जस्टिस अमित सेठ
जबलपुर में 15 मार्च 1975 को जन्मे जस्टिस अमित सेठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता श्री संजय अग्रवाल के सान्निध्य में वकालत की शुरुआत की। उन्होंने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और मध्यस्थता न्यायाधिकरण के समक्ष व्यापक अनुभव प्राप्त किया। वे एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी, एमपी स्टेट माइनिंग कॉर्पोरेशन, अनेक विश्वविद्यालयों और सार्वजनिक निकायों की ओर से प्रकट हुए। उन्हें दिसंबर 2024 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था। इसके पूर्व वे उप महाधिवक्ता तथा अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में मध्यप्रदेश राज्य की ओर से कार्य कर चुके हैं।
जस्टिस पवन द्विवेदी
जस्टिस पवन द्विवेदी ने अपने अधिवक्ता जीवन में अप्रत्यक्ष कराधान, संवैधानिक कानून, सेवा कानून, आयकर, दीवानी एवं फौजदारी कानून, निर्वाचन कानून, मध्यस्थता, कॉरपोरेट और औद्योगिक कानून तथा पंचायत विवाद जैसे विविध क्षेत्रों में कार्य किया। उन्होंने मध्यप्रदेश ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड, नगर परिषद गुना और नगर निगम ग्वालियर जैसे निकायों का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने जनहित से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण मामलों में न्यायालय मित्र (amicus curiae) की भूमिका निभाई, जिनमें खाद्य पदार्थों में मिलावट, ग्वालियर की स्वच्छता और एटीएम सुरक्षा जैसे विषय शामिल रहे।
इन तीनों जजों की नियुक्तियों से मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की न्यायिक क्षमता को और अधिक मजबूती मिली है, जो बढ़ते न्यायिक कार्यभार को प्रभावी रूप से संभालने में सहायक होगी।