मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उस याचिका पर जारी हुआ है जो एक नवजात बच्ची के पिता ने दायर की है। नवजात की पिछले महीने इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल (एमवाईएच) में चूहों के काटने से मौत हो गई थी।
हाईकोर्ट की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा ने राज्य सरकार समेत अन्य पक्षों से छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा है। अन्य पक्षों में एमवाईएच के अधीक्षक, इंदौर के सरकारी महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के डीन और केंद्रीय सरकारी उद्यम एचएलएल इंफ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड के निदेशक शामिल हैं।
धार ज़िले के निवासी देवराम ने याचिका में 50 लाख रुपये के मुआवज़े की मांग की है और अस्पताल में चूहों के संक्रमण की जांच एक सेवानिवृत्त हाईकोर्ट जज से कराने की अपील की है। इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी।

एमवाईएच राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक है और यह महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, इंदौर से संबद्ध है।
अस्पताल प्रशासन के अनुसार 31 अगस्त और 1 सितंबर की दरमियानी रात आईसीयू में भर्ती देवराम की बेटी और एक अन्य नवजात पर चूहों ने हमला कर दिया था। दोनों बच्चे जन्मजात बीमारियों से ग्रसित थे और बाद में उनकी मौत हो गई।
अस्पताल प्रशासन का दावा है कि नवजातों की मौत चूहों के काटने से नहीं बल्कि उनकी गंभीर जन्मजात स्वास्थ्य समस्याओं के कारण हुई।
इस घटना के बाद जनजातीय संगठन जय आदिवासी युवा शक्ति (JAYS) ने डॉ. अरविंद घनघोरिया (डीन, महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज) और डॉ. अशोक यादव (अधीक्षक, एमवाईएच) को निलंबित करने की मांग की है। संगठन ने दोनों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज करने की भी मांग की है।
JAYS के राष्ट्रीय अध्यक्ष लोकेश मुजल्दा ने कहा कि राज्य सरकार की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में दोनों अधिकारियों को अस्पताल में सफाई व्यवस्था बनाए रखने और कीट-चूहा संक्रमण पर नियंत्रण करने में प्रशासनिक रूप से विफल पाया गया है।