मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व उप लोकायुक्त से जुड़े ग्रेच्युटी विवाद पर नोटिस जारी किया

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उप लोकायुक्त के रूप में सेवारत सेवानिवृत्त न्यायाधीश उमेश चंद्र माहेश्वरी की याचिका के बाद ग्वालियर में प्रधान महालेखाकार को नोटिस जारी किया है। याचिका में उनकी ग्रेच्युटी का भुगतान न किए जाने से संबंधित विवाद के समाधान की मांग की गई है।

मुख्य न्यायाधीश एसके कैत और न्यायमूर्ति विवेक जैन ने न्यायमूर्ति माहेश्वरी की याचिका की सुनवाई की अध्यक्षता की, जो 28 जून, 2016 से 27 जून, 2022 तकहाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनके कार्यकाल और उसके बाद मध्य प्रदेश के उप लोकायुक्त के रूप में सेवा के बाद दायर की गई थी।

READ ALSO  सुप्रीम कोर्ट ने आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में एक महीने के भीतर सुनवाई पूरी होने की उम्मीद जताई

न्यायाधीश के वकील साकेत अग्रवाल के अनुसार, याचिका में ग्वालियर में प्रधान महालेखाकार (ए एंड ईटीटी) द्वारा पिछले वर्ष 13 जून को दिए गए आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें ग्रेच्युटी भुगतान को खारिज कर दिया गया था। अग्रवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार और राज्यपाल दोनों ने भुगतान को मंजूरी दे दी थी, लेकिन महालेखाकार कार्यालय ने लोकायुक्त (उप-लोकायुक्त) अधिनियम, 1981 की धारा 5(5) औरहाईकोर्ट न्यायाधीश (वेतन और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 1954 के प्रावधानों के विपरीत आदेश जारी किया।

अदालत ने राज्य सरकार और लोकायुक्त कार्यालय के सचिव को भी नोटिस जारी किया। अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि उप लोकायुक्त के पद के लिए ग्रेच्युटी के भुगतान पर रोक लगाने वाला कोई नियम नहीं है, उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल कानून के तहत इस तरह के भुगतान के हकदार हैं।

Law Trend
Law Trendhttps://lawtrend.in/
Legal News Website Providing Latest Judgments of Supreme Court and High Court

Related Articles

Latest Articles