मध्यप्रदेश-भोपाल जिला कोर्ट में महिला ने अपने पति के खिलाफ पहले घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट द्वारा कॉउंसलिंग होंने के बाद पति पत्नी साथ मे रह रहे थे। लेकिन हर बार जब मामले के निपटारे की बात आती तो पत्नी यह कहकर पलट जाती की वह केस वापस नही लेगी।
इस बार महिला के पति ने कोर्ट में बच्चों के बेहतर भविष्य की दुहाई देते हुए प्रकरण के निराकार की गुहार लगाई है। पति ने कोर्ट में कहा कि मैं और मेरे बच्चे चाहते हैं कि कोर्ट कचहरी का चक्कर खत्म हो। महिला अपनी बात पर अडिग थी कि उसके द्वारा पति के खिलाफ दायर याचिका लंबित रहने दे क्योंकि इससे पति डर कर रहता है
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पति ने इस प्रकरण को समाप्त करने के लिए कोर्ट के न्यायाधीश से कहा है कि वह लिखित में देने को तैयार है कि वह आजीवन यही समझता रहेगा की उसकी पत्नी ने कोर्ट में केस फ़ाइल कर रखा है। न्यायाधीश ने महिला को समझाते हुए कहा है कि समझौते के बाद भी बाद बिगड़ती है तो उसके पास कई ऑप्शन हैं। जिससे महिला समझौते के लिए तैयार हो गई है।
कुटुंब न्यायालय के जस्टिस आरएन चंद और जस्टिस योगेश दत्त शुक्ला एवं जस्टिस भावना साधौ ने 38 परिवारों के बीच समझौते कराए।
कुटुंब न्यायालय ने समझौता कराके वापस लौटने वाले दम्पत्ति को एक दूसरे को वरमाला पहना कर और सात फेरे दिलवाने के साथ सोशल डिस्टेंसिग की अहमियत को बताया।