महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 44 वर्षीय एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग सौतेली बेटी से बलात्कार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई कर रही विशेष न्यायाधीश डॉ. रचना तेहरा ने सोमवार को पारित आदेश में आरोपी पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
विशेष लोक अभियोजक संध्या म्हात्रे ने अदालत को बताया कि ठाणे के मुंब्रा इलाके के निवासी आरोपी ने 2020 में अपराध किया था, जब पीड़िता छह साल की थी।
जब बच्ची की मां काम के लिए बाहर जाती थी तो आरोपी पीड़िता के नौ साल के भाई को भी धमकी देते हुए भगा देता था. फिर वह सौतेली बेटी के साथ बार-बार बलात्कार करता था।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि आरोपियों ने पीड़िता के निजी और शरीर के अन्य हिस्सों को मोमबत्ती और माचिस की तीलियों से जला दिया।
न्यायाधीश ने अभियोजन सिद्धांत को स्वीकार किया और आरोपी को भारतीय दंड संहिता, POCSO अधिनियम और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम-2015 की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया।
पुलिस ने कहा कि मामले में पीड़िता और उसकी मां समेत अभियोजन पक्ष के पांच गवाहों से पूछताछ की गई।
म्हात्रे ने कहा, न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ सभी आरोपों को उचित संदेह से परे सफलतापूर्वक साबित कर दिया है, जिसके लिए उसे दोषी ठहराया जाना चाहिए और सजा सुनाई जानी चाहिए।