नई दिल्ली—- मराठा आरक्षण मामले में जस्टिस अशोक भूषण की पांच सदस्यीय पीठ ने राज्यों की सरकार से कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए और अधिक कदम उठाने की जरूरत है। सामाजिक एंव शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए संस्थानों की स्थापना भी करनी चाहिए चूंकि सकारात्मक कार्यवाई सिर्फ आरक्षण तक सीमित नही है।
पीठ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पिछड़े वर्गों के विकास के लिए कई अन्य कदम भी उठाए जा सकते हैं।हम कुछ और क्यों नही कर सकते,हमे आरक्षण से आगे जाना होगा। सुनवाई दौरान प्रदेश सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा ,इस तरह की पहल के लिए राज्य के वाणिज्यिक संसाधन भी मुद्दा बनेंगे।
इनके अलावा शिक्षकों व स्कूलों की संख्या भी आड़े आएगी। कपिल सिबेल ने कहा कि राज्यों को आबादी के आधार पर आरक्षण की पहुँच अलग अलग होगी। इस कारण एक समान फार्मूला नही हो सकता।