इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक महत्वपूर्ण फैसले में बीबीडी यूनिवर्सिटी के सामने स्थित सिल्वर लाइन अपार्टमेंट के ध्वस्तीकरण के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने अपार्टमेंट के कई निवासियों द्वारा दायर याचिकाओं का जवाब दिया।
निवासियों पंकज माथुर, ऋषि राज शंकर, जितेंद्र बहादुर खरे, विवेक मिश्रा, सचिंद्र कुमार श्रीवास्तव और वंदना भारद्वाज ने अपने वकीलों के माध्यम से अदालत को बताया कि यह अपार्टमेंट उनका पुराना घर है, जहां वे अपने परिवारों के साथ रहते हैं। उन्होंने लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) द्वारा अचानक ध्वस्तीकरण नोटिस जारी करने का विरोध किया, जिसमें 15 दिनों के भीतर अपार्टमेंट खाली करने की मांग की गई थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए अदालत ने एलडीए को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। इसके अतिरिक्त, याचिकाकर्ताओं को एलडीए के जवाब के बाद जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय दिया जाएगा। तब तक, एलडीए द्वारा ध्वस्तीकरण के संबंध में कोई भी कार्रवाई रोक दी गई है, ताकि अपार्टमेंट के निवासियों को तत्काल विस्थापित न किया जाए।
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