बिहार सरकार ने बिहार न्यायिक सेवा के अधिकारियों के भत्ते और लाभों में पर्याप्त वृद्धि की घोषणा की है। इस संशोधन में सेवा के दौरान मास्टर ऑफ लॉ (एलएलएम) की डिग्री हासिल करने वाले न्यायाधीशों के लिए तीन वेतन वृद्धि का उल्लेखनीय प्रावधान शामिल है। इसके अलावा, पीएचडी हासिल करने वालों को अतिरिक्त वेतन वृद्धि मिलेगी।
घोषणा में कई अन्य लाभों का भी विवरण दिया गया है, जिसमें 12वीं कक्षा तक प्रति माह 2,250 रुपये का बाल शिक्षा भत्ता और अधिकतम दो बच्चों के लिए लागू 6,750 रुपये की छात्रावास सब्सिडी शामिल है। महंगाई भत्ता 50% होने पर भत्ते में 25% की बढ़ोतरी तय है।
अतिरिक्त ज़िम्मेदारियाँ लेने वाले न्यायाधीशों को अतिरिक्त पारिश्रमिक मिलेगा, जिसमें प्रधान और जिला सत्र न्यायाधीशों को प्रति माह 7,000 रुपये, अधीनस्थ न्यायाधीशों को 3,500 रुपये और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटों को 2,000 रुपये मिलेंगे।
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यह संशोधन दूसरे राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों का पालन करता है और इसका उद्देश्य न्यायपालिका के कल्याण में सुधार करना है। वित्तीय लाभों में आवास, परिवहन, चिकित्सा व्यय और संचार सहित अन्य भत्ते शामिल हैं।
न्यायपालिका अप्रयुक्त अर्जित अवकाश के बदले में नकद का लाभ भी उठा सकती है, जिसमें सेवानिवृत्ति पर 300 दिनों तक की छुट्टी को भुनाने का प्रावधान है। इसके अलावा, न्यायाधीशों को आवास किराया, फर्नीचर, एयर कंडीशनिंग, पोशाक और चिकित्सा व्यय के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त होगी।