नई दिल्ली में एक अधिवक्ता को कार्य की खोज में अपना मोबाइल नंबर सार्वजनिक तौर पर दीवार पर अंकित करना महंगा पड़ गया , वकील की इस करतूत से दिल्ली बार कॉउन्सिल ने उसे अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया है।
दिल्ली बार कॉउन्सिल ने वर्ष 1994 से बार मे अधिवक्ता के तौर पर नामांकित वकील शकील खान का लाइसेंस बार कॉउन्सिल ऑफ इंडिया के नियमों का उलंघन मानते हुए निलंबित कर दिया है। जिसमे व्यवहार, और शिष्टाचार के मानक निर्धारित हैं।
दिल्ली बार कॉउन्सिल ने कहा कि अधिवक्ता शकील खान ने दिल्ली प्रिवेशन ऑफ डिफेंसमेन्ट ऑफ प्रोपेर्टी एक्ट 2007 के प्रावधानों का उलंघन किया है।
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अधिनियम की धारा 3 में उल्लेख है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी सम्पति को स्याही ,चॉक, पेंट , या किसी अन्य वस्तु से लिखकर या चिन्हित करके ऐसी सम्पति के मालिक या कब्जाधारी के नाम पते का संकेत देने क्व उद्देश्य से है। उसे एक वर्ष की कैद की सजा या 50 हजार रुपए जुर्माना या दोनों हो सकता है।
दिल्ली के अधिवक्ताओं को 5 लाख का मेडिकल इनश्योरेंस-
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के वकीलों को 5 लाख का मेडिकल बीमा कर दस लाख का टर्म इंश्योरेंस देने के लिए 40 करोड़ से ज्यादा आवंटन की मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री अधिवक्ता कल्याण योजना के तहत वकीलों को बीमा का लाभ मिलेगा।
सरकार ने बीते वर्ष दिसंबर में मुख्यमंत्री कल्याण योजना की घोषणा की थी । सरकार ने इन योजना के तहत वकीलों के कल्याण के लिए 50 करोड़ रुपयों का कोष निर्धारित किया था।
कैलाश गहलोत ने वक ट्वीट करते हुए लिखा था कि “सी एम अरविन्द केजरीवाल ने बीते वर्ष मुख्यमंत्री वकील कल्याण योजना के साथ 50 करोड़ रुपए बजट के आवंटन की घोषणा की थी। इस योजना के लागू करने की दिशा में दिल्ली मंत्रिमंडल ने 29 अक्टूबर को जीवन बीमा और मेडिकल क्लेम पॉलिसी खरीदने के लिए 40.60 करोड़ से ज्यादा की मंजूरी दी “