केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कोझिकोड जिले में डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) के कार्यकर्ता सी के शिबिन की 2015 में हुई हत्या में शामिल होने के लिए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के सात कार्यकर्ताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
शिबिन की हत्या के बाद से न्यायिक जांच के दायरे में रहे इस मामले में तब अहम मोड़ आया जब हाईकोर्ट ने कोझिकोड के अतिरिक्त सत्र न्यायालय के 2016 के फैसले को पलट दिया जिसमें सभी 17 आरोपियों को बरी कर दिया गया था। इस फैसले के लिए राज्य सरकार और मृतक के पिता ने अपील दायर की थी, जिसमें मामले के साक्ष्यों का पुनर्मूल्यांकन करने का आग्रह किया गया था।
न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार और न्यायमूर्ति सी प्रतीप कुमार की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने न केवल सात आईयूएमएल कार्यकर्ताओं को दोषी ठहराया, बल्कि प्रत्येक पर 1,10,000 रुपये का भारी भरकम जुर्माना भी लगाया। अदालत ने आदेश दिया कि वसूले गए जुर्माने में से 5,00,000 रुपये शिबिन के पिता को मुआवजे के रूप में दिए जाएं, जबकि शेष राशि घटना के दौरान घायल हुए व्यक्तियों में समान रूप से वितरित की जाए।
अदालत के आदेश में विस्तृत रूप से बताया गया है कि पुलिस को दोषी व्यक्तियों को गिरफ्तार करना है और सजा सुनाए जाने की सुनवाई के लिए 15 अक्टूबर को पेश करना है। यह निर्णय 22 जनवरी, 2015 की शिकायतों को संबोधित करता है, जब 19 वर्षीय शिबिन पर थूनेरी के पास आईयूएमएल से कथित रूप से जुड़े एक सशस्त्र गिरोह ने जानलेवा हमला किया था।