हाल ही में, केरल हाईकोर्ट ने कथित नफरत फैलाने वाले भाषण के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता पी सी जॉर्ज को 17 फरवरी, 2025 तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है। जॉर्ज की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने यह निर्णय जारी किया।
कोट्टायम जिला सत्र न्यायालय द्वारा गुरुवार को जॉर्ज की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज किए जाने के बाद न्यायालय का यह निर्णय आया है। मुस्लिम यूथ लीग के नेता मुहम्मद शिहाब की शिकायत के बाद पूर्व विधान सभा सदस्य (एमएलए) जॉर्ज पर आरोप लगाए गए थे। शिहाब ने एराट्टुपेटा पुलिस को दी गई शिकायत में जॉर्ज पर एक टेलीविजन चर्चा के दौरान ऐसी टिप्पणी करने का आरोप लगाया था, जिससे संभावित रूप से धार्मिक नफरत भड़क सकती थी।
जॉर्ज पर भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए धारा 196(1)(ए) और धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करने के लिए धारा 299 शामिल है। इसके अतिरिक्त, उन पर केरल पुलिस अधिनियम की धारा 120(ओ) के तहत उपद्रव करने और सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन करने के आरोप हैं।
किसी भी गिरफ्तारी को स्थगित करने का हाईकोर्ट का आदेश जॉर्ज के लिए राहत की बात है, जो अपने मामले की अगली सुनवाई तक स्वतंत्र रहेंगे। हाईकोर्ट ने कहा, “याचिकाकर्ता को अगली पोस्टिंग तिथि तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। 17 फरवरी, 2025 को पोस्ट करें।”