केरल हाई कोर्ट ने अनाचार मामले में 12 साल की बच्ची की गर्भपात की याचिका खारिज कर दी

केरल हाई कोर्ट ने कथित तौर पर अपने नाबालिग भाई के साथ अनैतिक संबंध में 12 वर्षीय लड़की की गर्भावस्था को समाप्त करने का अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि भ्रूण, जो अब 34 सप्ताह का है, पूरी तरह से विकसित हो चुका है और गर्भ के बाहर जीवन के लिए तैयारी कर रहा है।

अदालत ने कहा कि इस स्तर पर गर्भपात संभव नहीं है, यदि असंभव नहीं है, और बच्चे को सिजेरियन सेक्शन या सामान्य प्रसव के माध्यम से पैदा होने की अनुमति दी जानी चाहिए, यह निर्णय चिकित्सा विशेषज्ञों पर छोड़ दिया गया है।

READ ALSO  अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम (Advocate Protection Act) की आवश्यकता क्यों है?

माता-पिता ने तर्क दिया कि बच्चे के जन्म से लड़की के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम होंगे।

22 दिसंबर के अपने आदेश में, अदालत ने याचिकाकर्ताओं को पास के सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों से निरंतर सहायता लेने की अनुमति दी।

गर्भधारण के 36 सप्ताह तक पहुंचने के बाद, वे विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन के लिए मेडिकल कॉलेज अधीक्षक से संपर्क कर सकती हैं, जो तब प्रसव की प्रकृति पर निर्णय लेंगे।

अदालत ने जन्म के बाद बच्चे को सुरक्षा का आश्वासन दिया, और प्रसव तक लड़की को उसके माता-पिता के साथ आराम देने पर जोर दिया।

READ ALSO  Kerala HC Notifies A Uniform Procedure Regarding Impleading Legal Heirs Of Deceased Parties

माता-पिता को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि आरोपी भाई उससे दूर रहे, सक्षम अधिकारी इस निर्देश को लागू करें।

अदालत ने पूरी प्रक्रिया और उसके बाद याचिकाकर्ताओं की गुमनामी बनाए रखने पर जोर दिया।

Related Articles

Latest Articles