कोझिकोड जिले में एक मंदिर उत्सव में दो हाथियों के उत्पात मचाने की दुखद घटना के बाद, केरल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी। न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन और न्यायमूर्ति मुरली कृष्ण एस ने गुरुवायुर देवस्वोम बोर्ड के एक पशुधन अधिकारी को हाथियों के भोजन के रिकॉर्ड सहित विस्तृत दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
कोयिलैंडी के पास मनाकुलंगरा मंदिर में एक उत्सव के दौरान यह भयावह घटना घटी, जिसके परिणामस्वरूप दो महिलाओं सहित तीन बुजुर्ग उपस्थित लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। रिपोर्ट बताती है कि पटाखे फोड़ने के बाद हाथी भड़क गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई और जानवरों ने एक-दूसरे पर हमला कर दिया और मंदिर की दीवार गिरने सहित काफी नुकसान पहुंचाया।
न्यायालय का हस्तक्षेप कनाडा में रहने वाले एक मलयाली की लंबित याचिका की सुनवाई के दौरान आया, जो गुरुवायुर देवस्वोम बोर्ड के स्वामित्व वाले हाथियों के लिए बेहतर देखभाल मानकों की मांग कर रहा है। याचिका में सार्वजनिक उत्सवों में इस्तेमाल किए जाने वाले हाथियों के कल्याण और जानवरों तथा उपस्थित लोगों दोनों के लिए उत्पन्न सुरक्षा जोखिमों के बारे में चल रही चिंताओं को रेखांकित किया गया है।
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वन विभाग और स्थानीय पुलिस से भी घटना पर अपने दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए कहा गया है, मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को निर्धारित की गई है। इस जांच का उद्देश्य हिंसा के तत्काल कारणों को संबोधित करना और भविष्य में ऐसी खतरनाक घटनाओं को रोकने के लिए सख्त नियमों को लागू करना है।